काँच के किसी प्रिज्म का कोण '$$\mathrm{A}$$' है। इस पर एकवर्णी प्रकाश आपतित होता है। यदि, प्रिज्म के पदार्थ का अपवर्तनांक $$\mu$$ है तो, प्रिज्म के $$\mathrm{AB}$$ फलक पर, $$\theta$$ कोण आपतित प्रकाश की किरण, प्रिज्म के फलक $$\mathrm{AC}$$ से पारगत होगी यदि :
दर्शाये गये परिपथ में, एक प्रेरक $$(\mathrm{L}=0.03 \mathrm{H})$$ तथा एक प्रतिरोधक ($$\mathrm{R}=0.15 \mathrm{~k} \Omega$$) किसी $$15 \mathrm{~V}$$ विद्युत वाहक बल (ई. एम.एफ ) की बैटरी से जुड़े हैं। कुंजी $$\mathrm{K}_{1}$$ को बहुत समय तक बन्द रखा गया है। इसके पश्चात् समय $$\mathrm{t=0}$$ पर, $$\mathrm{K_{1}}$$ को खोल कर साथ ही साथ, $$\mathrm{K_{2}}$$ को बन्द किया जाता है। समय $$\mathrm{t=1} \mathrm{~ms}$$ पर, परिपथ में विद्युत धारा होगी : $$\left(e^{5} \cong 150\right)$$
$$\mathrm{L C R}$$ (एल.सी.आर) परिपथ किसी अवमंदित लोलक के तुल्य होता है। किसी $$\mathrm{L C R}$$ परिपथ में संधारित्र को $$\mathrm{Q}_{0}$$ तक आवेशित किया गया है, और फिर इसे आरेख में दर्शाये गये अनुसार $$\mathrm{L}$$ व $$\mathrm{R}$$ से जोड़ा गया है।
यदि एक विद्यार्थी $$\mathrm{L}$$ के, दो विभित्र मानों, $$\mathrm{L}_{1}$$ तथा $$\mathrm{L}_{2}$$ $$\left(\mathrm{L}_{1}>\mathrm{L}_{2}\right)$$ के लिये, समय $$\mathrm{t}$$ तथा संधारित्र पर अधिकतम आवेश के वर्ग $$\mathrm{Q}_{\mathrm{Max}}^{2}$$ के बीच दो ग्राफ बनाता है तो निम्नांकित में से कौन सा ग्राफ सही है ? (प्लॉट केवल व्यवस्था प्लॉट हैं तथा स्केल के अनुसार नहीं हैं)
$$10 \mathrm{~cm}$$ तथा $$5 \mathrm{~cm}$$ भुजाओं के एक आयताकार लूप (पाश) से एक विद्युत धारा, $$\mathrm{I}=12 \mathrm{~A}$$, प्रवाहित हो रही है। इस पाश को आरेख में दर्शाये गये अनुसार विभित्र अभिविन्यासों (स्थितियों) में रखा गया है।
यदि वहाँ $$0.3 \mathrm{~T}$$ तीव्रता का कोई एकसमान चुम्बकीय क्षेत्र, धनात्मक $$z$$ दिशा में विद्यमान है तो, दर्शाये गये किस अभिविन्यास में, यह पाश (लूप) (i) स्थायी संतुलन तथा (ii) अस्थायी संतुलन में, होगा ?
किसी $$240 \mathrm{~m}$$ ऊँची चोटी के एक किनारे से, दो पत्थरों को एकसाथ ऊपर की ओर फेंका गया है, इनकी प्रारंभिक चाल क्रमश: $$10 \mathrm{~m} / \mathrm{s}$$ तथा $$40 \mathrm{~m} / \mathrm{s}$$ है, तो, निम्नांकित में से कौनसा ग्राफ (आलेख) पहले पत्थर के सापेक्ष दूसरे पत्थर की स्थिति के समय विचरण (परिवर्तन) को सर्वाधिक सही दर्शाता है ?
( मान लीजिए कि, पत्थर जमीन से टकराने के पश्चात ऊपर की ओर नहीं उछलते हैं तथा वायु का प्रतिरोध नगण्य है, दिया है $$\mathrm{g}=10 \mathrm{~m} / \mathrm{s}^{2}$$ )
(यहाँ ग्राफ केवल व्यवस्था आरेख हैं और स्केल के अनुसार नहीं हैं)
दो पतले लम्बे तारों में प्रत्येक से I धारा प्रवाहित हो रही है। इन्हें $$\mathrm{L}$$ लम्बाई के विद्युतरोधी धागों से लटकाया गया है। इन धागों में प्रत्येक के द्वारा ऊर्ध्वाधर दिशा से '$$\theta$$' कोण बनाने की स्थिति में, ये दोनों तार साम्यावस्था में रहते हैं। यदि इन तारों की प्रति इकाई लम्बाई द्रव्यमान $$\lambda$$ है तथा $$\mathrm{g}$$ गुरुत्वीय त्वरण है तो, $$\mathrm{I}$$ का मान होगा :
दिये गये परिपथ में, $$\mathrm{C}$$ के मान के $$1 \mu \mathrm{F}$$ से $$3 \mu \mathrm{F}$$ परिवर्तित होने से, $$2 \mu \mathrm{F}$$ संधारित्र पर आवेश $$\mathrm{Q}_{2}$$ में परिवर्तन होता है। '$$\mathrm{C}$$' के फलन के रूप में $$\mathrm{Q}_{2}$$ को कौन सा आलेख सही दर्शाता है ? (आलेख केवल व्यवस्था आरेख हैं और स्केल के अनुसार नहीं हैं।)
किसी एकसमान तार की अनुप्रस्थकाट का क्षेत्रफल '$$\mathrm{A}$$' है। इससे बनाये गये एक लोलक का आवर्तकाल $$\mathrm{T}$$ है। इस लोलक के गोलक से एक अतिरिक्त $$\mathrm{M}$$ द्रव्यमान जोड़ देने से लोलक का आवर्तकाल परिवर्तित होकर $$\mathrm{T}_{\mathrm{M}}$$ हो जाता है। यदि इस तार के पदार्थ का यंग गुणांक '$$\mathrm{Y}$$' हो तो $$\frac{1}{\mathrm{Y}}$$ का मान होगा :
($$g=$$ गुरुत्वीय त्वरण)
एक ठोस गोले का द्रव्यमान $$\mathrm{M}$$ तथा त्रिज्या $$\mathrm{R}$$ है। इससे $$\frac{\mathrm{R}}{2}$$ त्रिज्या का एक गोलीय भाग, आरेख में दर्शाये गये अनुसार काट लिया जाता है। $$\mathrm{r}=\infty$$ (अनन्त) पर गुरुत्वीय विभव के मान $$\mathrm{V}$$ को शून्य ($$\mathrm{V}=0$$) मानते हुए, इस प्रकार बने कोटर (कैविटी) के केन्द्र पर, गुरुत्वीय विभव का मान होगा :
( $$G=$$ गुरुत्वीय स्थिराँक है)
एक आदर्श गैस किसी बन्द (संवृत), वियुक्त (विलगित) कक्ष में सीमित (रखी) है। इस गैस में रुद्धोष्म प्रसार होने पर, इसके अणुओं के बीच टक्कर का औसत काल (समय) $$\mathrm{V}^{\mathrm{q}}$$ के अनुसार बढ़ जाता है, जहाँ $$\mathrm{V}$$ गैस का आयतन है। तो $$\mathrm{q}$$ का मान होगा :
$$(\gamma=\frac{C_{p}}{C_{v}})$$
एक ठोस पिंड (वस्तु) की स्थिर ऊष्मा धारिता $$1 \mathrm{~J} /{ }^{\circ} \mathrm{C}$$ है। इसको ऊष्मकों (ऊष्मा भंडारों) के सम्पर्क में रखकर निम्न दो प्रकार से गर्म किया जाता है,
(i) अनुक्रमिक रूप से $$2$$ ऊष्मकों के सम्पर्क में इस प्रकार रखकर कि प्रत्येक ऊष्मक समान मात्रा में ऊष्मा देता है,
(ii) अनुक्रमिक रूप से $$8$$ ऊष्मकों के सम्पर्क में इस प्रकार रखकर कि प्रत्येक ऊष्मक समान मात्रा में ऊष्मा देता है,
दोनों स्थितियों में पिंड का प्रारंभिक ताप $$100^{\circ} \mathrm{C}$$ तथा अन्तिम ताप $$200^{\circ} \mathrm{C}$$ है। तो, इन दो स्थितियों में पिंड की एन्ट्रॉपी में परिवर्तन होगा, क्रमश:
यहाँ आरेख में दो ब्लॉक (गुटके) $$\mathrm{A}$$ और $$\mathrm{B}$$ दर्शाये गये हैं जिनके भार क्रमशः $$20 \mathrm{~N}$$ तथा $$100 \mathrm{~N}$$ हैं। इन्हें, एक बल $$\mathrm{F}$$ द्वारा किसी दीवार पर दबाया जा रहा है। यदि घर्षण गुणांक का मान, $$\mathrm{A}$$ तथा $$\mathrm{B}$$ के बीच $$0.1$$ तथा $$\mathrm{B}$$ और दीवार के बीच $$0.15$$ है तो, दीवार द्वारा ब्लॉक $$\mathrm{B}$$ पर लगा बल होगा :