जल से भरा हुआ वर्गाकार पेंदी एवं पतली पारदर्शक ऊर्ध्वाधर दीवारों वाला एक बड़ा पात्र क्षैतिज तल पर रखा हुआ है। जल का अपवर्तनांक (refractive index) $$\frac{4}{3}$$ है। एक विद्यार्थी ने एक पतले सीधे तार को ऊर्ध्वाधर अवस्था में जल के अंदर पकड़ कर रखा है। पात्र के एक कोने से इस तार की दूरी $$12 \mathrm{~cm}$$ है, जैसा कि प्रतीकात्मक (schematic) चित्र में दर्शाया गया है। एक दूसरा विद्यार्थी तार को इसी कोने से चित्र में दिखाई गयी रेखा (line of sight) के अनुरूप (along) देखता है। उसे तार के एक-एक प्रतिबिम्ब, इस रेखा के दोनों ओर सममित रूप से स्थित (symmetrically located) दिखाई देते हैं। इन प्रतिबिम्बों के बीच की दूरी (cm में ) ________________ है।
एक ऊष्मारोधी ऊर्ध्वाकार बंद बेलनाकार पात्र की ऊंचाई $$8 \mathrm{~m}$$ है । इस पात्र को एक ऊष्मा-पार्य (diathermic) (आदर्श ऊष्मा सुचालक) विभाजक (द्रव्यमान $$8.3 \mathrm{~kg}$$ ) द्वारा दो बराबर भागों में बांटा गया है (चित्र देखें)। अतः आरम्भ में विभाजक पात्र के ऊपरी तल से $$4 \mathrm{~m}$$ दूरी पर है। प्रत्येक भाग में $$300 \mathrm{~K}$$ तापमान पर आदर्श गैस के $$0.1$$ मोल भरे हैं। विभाजक को मुक्त करने पर यह बिना घर्षण के गतिमान होता है, तथा इस प्रक्रिया में पात्र के एक भाग से दूसरे भाग में गैस का स्थात्रान्तरण नहीं होता है । जब निकाय साम्यावस्था में पहुँचता है तब विभाजक की पात्र के ऊपरी तल से दूरी ($$\mathrm{m}$$ में ) _______________ होगी (गुरुत्वीय त्वरण $$=10 \mathrm{~ms}^{-2}$$ तथा सार्वत्रिक गैस नियतांक $$=8.3 \mathrm{~J} \mathrm{~mol}^{-1} \mathrm{~K}^{-1}$$ लें )|
एक ऊष्मारोधी ऊर्ध्वाकार बंद बेलनाकार पात्र की ऊंचाई $$8 \mathrm{~m}$$ है । इस पात्र को एक ऊष्मा-पार्य (diathermic) (आदर्श ऊष्मा सुचालक) विभाजक (द्रव्यमान $$8.3 \mathrm{~kg}$$ ) द्वारा दो बराबर भागों में बांटा गया है (चित्र देखें)। अतः आरम्भ में विभाजक पात्र के ऊपरी तल से $$4 \mathrm{~m}$$ दूरी पर है। प्रत्येक भाग में $$300 \mathrm{~K}$$ तापमान पर आदर्श गैस के $$0.1$$ मोल भरे हैं। विभाजक को मुक्त करने पर यह बिना घर्षण के गतिमान होता है, तथा इस प्रक्रिया में पात्र के एक भाग से दूसरे भाग में गैस का स्थात्रान्तरण नहीं होता है । जब निकाय साम्यावस्था में पहुँचता है तब विभाजक की पात्र के ऊपरी तल से दूरी ($$\mathrm{m}$$ में ) _______________ होगी (गुरुत्वीय त्वरण $$=10 \mathrm{~ms}^{-2}$$ तथा सार्वत्रिक गैस नियतांक $$=8.3 \mathrm{~J} \mathrm{~mol}^{-1} \mathrm{~K}^{-1}$$ लें )|
जल से भरा हुआ वर्गाकार पेंदी एवं पतली पारदर्शक ऊर्ध्वाधर दीवारों वाला एक बड़ा पात्र क्षैतिज तल पर रखा हुआ है। जल का अपवर्तनांक (refractive index) $$\frac{4}{3}$$ है। एक विद्यार्थी ने एक पतले सीधे तार को ऊर्ध्वाधर अवस्था में जल के अंदर पकड़ कर रखा है। पात्र के एक कोने से इस तार की दूरी $$12 \mathrm{~cm}$$ है, जैसा कि प्रतीकात्मक (schematic) चित्र में दर्शाया गया है। एक दूसरा विद्यार्थी तार को इसी कोने से चित्र में दिखाई गयी रेखा (line of sight) के अनुरूप (along) देखता है। उसे तार के एक-एक प्रतिबिम्ब, इस रेखा के दोनों ओर सममित रूप से स्थित (symmetrically located) दिखाई देते हैं। इन प्रतिबिम्बों के बीच की दूरी (cm में ) ________________ है।
एक बीकर, जिसकी त्रिज्या $$r$$ है, $$H$$ ऊँचाई तक जल से भरा है, जैसा की चित्र में बाईं ओर दर्शाया गया है । जल का अपवर्तनांक (refractive index) $$\frac{4}{3}$$ है | जल से भरा यह बीकर एक क्षैतिज समतल (table) पर रखा गया है । यह निकाय कोणीय गति $$\omega$$ से घूर्णन कर रहा है । इस घूर्णन के कारण जल का पृष्ठ वक्रीय हो जाता है । इससे जल के पृष्ठ के उच्चतम बिंदु (बीकर की परिधि पर स्थित ) एवं न्यूनतम बिंदु (बीकर के अक्ष पर स्थित ) के मध्य की ऊँचाई $$h(h \ll H, h \ll r)$$ हो जाती है जैसा कि चित्र में दायीं ओर दर्शाया गया है । यदि हम इस वक्रीय पृष्ठ को वक्रता त्रिज्या $$R$$ का गोलीय पृष्ठ मानें तो ( $$g$$ गुरुत्वीय त्वरण है )
एक रैंप (लम्बे उत्रत तल के समान) क्षैतिज से $$30^{\circ}$$ का कोण बनाता है । एक विद्यार्थी इस रैंप पर नीचे से $$v_{o}$$ गति से आरम्भ कर ऊपर की ओर स्केटिंग करता/करती है |चित्रानुसार इस रैंप पर विद्यार्थी $$R$$ त्रिज्या के अर्धवृत्ताकार पथ $$x y z$$ पर वापस मुड़ना चाहता/चाहती है और ऐसा करने पर वह धरती से अधिकतम ऊँचाई $$h$$ (बिंदु $$y$$ पर ) तक पहुंचता/पहुंचती है । मान लीजिये कि ऊर्जा का क्षय नगण्य है तथा इस अधिकतम ऊँचाई पर वापस मुड़ने के लिए केवल उसका भार ही उसे आवश्यक बल प्रदान करता है ।तब (गुरुत्वीय त्वरण $$g$$ है)
द्रव्यमान $$m$$ एवं लम्बाई $$L$$ वाली एक शलाका (rod), जो कि अपने एक छोर से कीलित (pivoted) है, उद्वाधर लटकी हुई है । समान द्रव्यमान की एक गोली, जिसकी गति $$v$$ है, शलाका से क्षैतिज दिशा में चलते हुए टकराती है तथा उसके अन्दर धंस जाती है। टकराने वाले बिंदु की कीलक से दूरी $$x$$ है। यह संयुक्त निकाय कीलक के परितः कोणीय वेग $$\omega$$ से घूमता है। कोणीय वेग का अधिकतम मान $$\omega_{M}$$ है, जो की $$x=x_{M}$$ पर प्राप्त होता है। तब
संतुलित अवस्था में एक क्हीटस्टोन सेतु (Wheatstone bridge) की चार भुजाओं के प्रतिरोधक चित्र में दिखाए गए हैं। प्रतिरोधक $$R_{3}$$ का ताप गुणांक (temperature coefficient) $$0.0004^{\circ} \mathrm{C}^{-1}$$ है । यदि $$R_{3}$$ का तापमान $$100^{\circ} \mathrm{C}$$ बढ़ाया जाता है, तब $$S$$ और $$T$$ के बीच उत्पन्न वोल्टता ____________ वोल्ट होगी।
चित्रानुसार, दो $$L R$$ परिपथों (circuits) के प्रेरकों (inductors) को एक दूसरे के समीप रखा गया है । प्रेरकों का स्व-प्रेरकत्व (self-inductance), प्रतिरोध, अन्योन्य-प्रेरकत्व (mutual inductances) एवं अनुप्रयुक्त वोल्टता (applied voltages) का मान परिपथ में दिया गया है । दोनों स्विचों को एक साथ बंद (on) करने के पश्चात् जब विद्युत् धाराएं अपनी स्थायी अवस्था (steady state) में पहुँचती हैं, तब तक प्रेरकों में प्रेरित विद्युत्-वाहकबल के विरुद्ध बैटरियों द्वारा किया गया कुल कार्य _____________ $$\mathrm{mJ}$$ है ।