JEE Advance - Physics Hindi (2020 - Paper 2 Offline - No. 7)
एक बीकर, जिसकी त्रिज्या $$r$$ है, $$H$$ ऊँचाई तक जल से भरा है, जैसा की चित्र में बाईं ओर दर्शाया गया है । जल का अपवर्तनांक (refractive index) $$\frac{4}{3}$$ है | जल से भरा यह बीकर एक क्षैतिज समतल (table) पर रखा गया है । यह निकाय कोणीय गति $$\omega$$ से घूर्णन कर रहा है । इस घूर्णन के कारण जल का पृष्ठ वक्रीय हो जाता है । इससे जल के पृष्ठ के उच्चतम बिंदु (बीकर की परिधि पर स्थित ) एवं न्यूनतम बिंदु (बीकर के अक्ष पर स्थित ) के मध्य की ऊँचाई $$h(h \ll H, h \ll r)$$ हो जाती है जैसा कि चित्र में दायीं ओर दर्शाया गया है । यदि हम इस वक्रीय पृष्ठ को वक्रता त्रिज्या $$R$$ का गोलीय पृष्ठ मानें तो ( $$g$$ गुरुत्वीय त्वरण है )
$$R=\frac{h^{2}+r^{2}}{2 h}$$
$$R=\frac{3 r^{2}}{2 h}$$
बीकर के तल की आभासी गहराई लगभग $$\frac{3 H}{2}\left(1+\frac{\omega^{2} H}{2 g}\right)^{-1}$$ है ।
बीकर के तल की आभासी गहराई लगभग $$\frac{3 H}{4}\left(1+\frac{\omega^{2} H}{4 g}\right)^{-1}$$ है ।
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