दो समाक्षीय (co-axial) चालक बेलन चित्र 1 के अनुसार रखे हुए हैं। बेलनों की त्रिज्यायें $\sqrt{2} R$ एवं $2 R$ हैं और दोनों की लम्बाई $\ell$ है। आतंरिक बेलन पर आवेश $Q$ है और बाहरी बेलन को भूसंपर्कित (grounded) किया गया है। बेलनों के बीच के वलयाकार क्षेत्र (annular region) में $\kappa=5$ परावैद्युतांक (dielectric constant) का पदार्थ भरा है।। माना कि समान लम्बाई $\ell$ का एक काल्पनिक तल (imaginary plane) बेलनो के सम-अक्ष (common axis) से $R$ दूरी पर है| यह तल बेलनो की अक्ष के समांतर है| इस व्यवस्था के अनुप्रस्थ काट (cross-section) को चित्र 2 में दिखाया गया है। कोर-प्रभावों (edge effects) की उपेक्षा करते हुए, विद्युत् क्षेत्र का काल्पनिक तल से गुजरने वाला फ्लक्स (flux) है: ( $\epsilon_0$ मुक्त आकाश की विद्युतशीलता (permittivity) है)
एक $l$ लम्बाई की एकसमान छड़ $O O^{\prime}$ को बिन्दु $O$ पर चित्रानुसार हिंज (hinge) किया गया है। छड़ को दो समान कमानी स्थिरांक (spring constant) वाली द्रव्यमान रहित कमानियों (springs) की सहायता से दो दीवारों के बीच में ऊर्ध्वाधर रूप से रखा गया है| एक कमानी को छड़ के मध्य बिन्दु पर और दूसरी को सबसे ऊपरी बिन्दु $O^{\prime}$ पर चित्र 1 के अनुसार जोड़ा गया है। एक छोटे कोणीय विस्थापन (angular displacement) के कारण छड़ $f_1$ आवृत्ति के दोलन (oscillation) करती है। यदि दोनों कमानियों को छड़ के मध्य बिन्दु पर चित्र 2 के अनुसार जोड़ा जाता है तो एक छोटे कोणीय विस्थापन (angular displacement) के कारण छड़ $f_2$ आवृत्ति के दोलन (oscillation) करती है| गुरुत्वीय प्रभाव की उपेक्षा करते हुये और गति को आरेख (diagram) के तल में ही मानते हुये, $\frac{f_1}{f_2}$ का मान है:
दो समान फोकस दूरी (focal length) $f$ वाले समरूप (identical) अवतल दर्पण (concave mirror) आमनेसामने व्यवस्था आरेख (schematic diagram) के अनुसार रखे हुए हैं। फोकस दूरी $f$, दर्पणों के साइज़ से बहुत ज्यादा है। एक काँच की सिल्ली (glass slab) जिसकी मोटाई (thickness) $t$ और अपवर्तनांक (refractive index) $n_0$ है, दोनों दर्पणों से बराबर दूरी पर दर्पणों के सम मुख्य अक्ष (common principal axis) के लम्बवत रखी गयी है| एक एकवर्णी बिंदु प्रकाश स्रोत (monochromatic point light source) $S$, मुख्य अक्ष पर स्थित सिल्ली के मध्य बिंदु पर व्यवस्था आरेख के अनुसार अंतःस्थापित (embedded) है। प्रतिबिम्ब को $s$ पर ही बनने के लिए दोनों दर्पणों के बीच की निम्न दूरियों में से कौन सी/से दूरी(यां) सही है/हैं
एक समान दूरी पर रखी हुई छः अपरिमित कुचालक पतली परतें (infinitely large, non-conducting, thin sheets) विन्यासों (configurations) I और II के अनुसार स्थिर रखी हैं। परतों पर एकसमान पृष्ठ आवेश घनत्व (uniform surface charge densities) हैं, जिनको $\sigma_0$ के रूप में चित्रानुसार इंगित (indicated) किया गया है। कोई भी दो क्रमानुगत परतों के बीच की दूरी $1 \mu \mathrm{~m}$ है। परतों के बीच के विभिन्न भागों (regions) को $1,2,3,4$ और 5 से दर्शाया गया है। यदि $\sigma_0=9 \mu \mathrm{C} / \mathrm{m}^2$ है, तो निम्नलिखित कथनों में से कौन सा/से सही है/हैं: (मुक्त आकाश की विद्युतशीलता (permittivity of free space) का मान $\epsilon_0=9 \times 10^{-12} \mathrm{~F} / \mathrm{m}$ लें)
एक आदर्श एकपरमाणुक (monatomic) गैस के $n$ मोल क्रमागत रूप से रुद्धोष्म (adiabatic) और समदाबी (isobaric) स्थैतिककल्प प्रक्रमों (quasi-static processes) से बने हुये WXYZW चक्र से गुजरते हैं, जैसा कि $V-T$ व्यवस्था आरेख (schematic diagram) में दिखाया गया है। गैस के आयतन $W, X$ एवं $Y$ बिन्दुओं पर क्रमशः $64 \mathrm{~cm}^3, 125 \mathrm{~cm}^3$ और $250 \mathrm{~cm}^3$ हैं। यदि बिंदु $W$ पर गैस का परम तापमान $T_W$ इस प्रकार है कि $n R T_W=1 \mathrm{~J}$ ( $R$ सार्वत्रिक गैस स्थिरांक (universal gas constant) है), तब गैस द्वारा $X Y$ पथ में अवशोषित ऊष्मा ( J में) है _________
$L$ लम्बाई वाले एक ऊष्मीय रूप से विलगित पात्र (thermally isolated container) को क्षेत्रफल $A$ के एक ऊष्मीय चालक, चल (thermally conducting, movable) पिस्टन द्वारा बायें और दायें कोष्ठों (compartments) में विभाजित किया गया है। पात्र के बायें और दायें कोष्ठों में एक आदर्श गैस के क्रमशः $\frac{3}{2}$ और 1 मोल को रखा गया है। बायीं ओर के कोष्ठ में $k$ कमानी स्थिरांक (spring constant) और $\frac{2 L}{5}$ मूल लम्बाई (natural length) की एक कमानी (spring) को पिस्टन से संलग्र किया गया है। चित्रानुसार ऊष्मागतिक साम्य (thermodynamic equilibrium) में पिस्टन की पात्र के दोनों छोरों से दूरी $\frac{\mathrm{L}}{2}$ है। इस परिस्थिति में, यदि दायें कोष्ठ में दाब $P=\frac{\mathrm{kL}}{\mathrm{A}} \alpha$ है, तो $\alpha$ का मान है _________
यंग के एक द्विझिरी (double slit) प्रयोग में, कांच के दो वेज (wedges) $A$ और $B$, जिनके अपवर्तनांक (refractive index) के मान क्रमशः 1.7 और 1.5 हैं, का एक संयोजन झिरीयों के सामने चित्रानुसार रखा गया है। झिरीयों के बीच की दूरी $d=2 \mathrm{~mm}$ है। झिरीयों और परदे के बीच की निम्नतम दूरी $D=2 \mathrm{~m}$ है और वेज के संयोजन की मोटाई $t=12 \mu \mathrm{~m}$ है। चित्रानुसार $l$ का मान 1 mm है। दोनों वेज के तिरछे अन्तरापृष्ठ (slanted interface) पर अपवर्तन की उपेक्षा करें। कांच के वेज के संयोजन के कारण केंद्रीय उच्चिष्ठ (central maximum) का 0 के सापेक्ष विस्थापन (mm में) है _________
एक श्रव्य प्रेषित्र (audio transmitter) (T) और एक अभिग्राही (receiver) (R) दो समरूप (identical) द्रव्यमान रहित 8 m लम्बाई के धागों के द्वारा अपने कीलकों (pivots) से उर्ध्वाधर रूप में लटके हैं। दोनों कीलक $X$ अक्ष के अनुदिश एक दूसरे से बहुत दूर स्थित हैं। प्रेषित्र और अभिग्राही को उनकी साम्यावस्था से विपरीत दिशाओं में $X$ अक्ष के अनुदिश लघु कोणीय आयाम (small angular amplitude) $\theta_0=\cos ^{-1}(0.9)$ से खींच कर एक साथ छोड़ा जाता है| गुरुत्वीय त्वरण का मान $g=10 \mathrm{~m} / \mathrm{s}^2$ लें| यदि प्रेषित्र की प्राकृतिक आवृत्ति (natural frequency) 660 Hz है और वायु में ध्वनी की चाल $330 \mathrm{~m} / \mathrm{s}$ है, तब अभिग्राही द्वारा मापी गयी आवृत्ति में अधिकतम बदलाव ( Hz में) है ________