सूची - I का सूची - II से मिलान करें
सूची I | सूची II | ||
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A. | पृष्ठ तनाव | I. | $$\mathrm{kg} \mathrm{m}^{-1} \mathrm{~s}^{-1}$$ |
B. | दाब | II. | $$\mathrm{kg} ~\mathrm{ms}^{-1}$$ |
C. | श्यानता | III. | $$\mathrm{kg} ~\mathrm{m}^{-1} \mathrm{~s}^{-2}$$ |
D. | आवेग | IV. | $$\mathrm{kg} ~\mathrm{s}^{-2}$$ |
नीचे दिए गए विकल्पों में से सही उत्तर चुने ।
नीचे दो कथन दिए गए हैं : इनमें से एक को अभिकथन $$\mathrm{A}$$ एवं दूसरे को कारण $$\mathrm{R}$$ द्वारा निरूपित किया गया है ।
अभिकथन $$\mathrm{A}$$: प्रकाश की तीव्रता का मापन करने के लिए, फोटोडायोड प्रायः अग्रदिशित बायसित अवस्था में प्रयुक्त होते हैं ।
कारण $$\mathrm{R}$$: $$\mathrm{p}$$-$$\mathrm{n}$$ संधि डायोड में आरोपित विभन $$\mathrm{V}$$ पर, $$\mathrm{\left|V_{z}\right| > \pm V \geq\left|V_{0}\right|}$$ के लिए,अग्रदिशित बायस में धारा का मान, पश्चदिशिक बायस में धारा के मान से अधिक होता है। जहां $$\mathrm{V_{z}}$$ भंजन वोल्टता है और $$\mathrm{V}_{0}$$ देहली वोल्टता है।
उपरोक्त कथनों के आधार पर, नीचे दिए गए विकल्पों में से सही उत्तर चुनें ।
सूची I का सूची II से मिलान करें
सूची I (Current configuration) |
सूची II (Magnitude of Magnetic Field at Point O) |
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A. | ![]() |
I. | $${B_0} = {{{\mu _0}I} \over {4\pi r}}[\pi + 2]$$ |
B. | ![]() |
II. | $${B_0} = {{{\mu _0}} \over 4}{I \over r}$$ |
C. | ![]() |
III. | $${B_0} = {{{\mu _0}I} \over {2\pi r}}[\pi - 1]$$ |
D. | ![]() |
IV. | $${B_0} = {{{\mu _0}I} \over {4\pi r}}[\pi + 1]$$ |
नीचे दिए गए विकल्पों में से सही उत्तर चुनें :
माना पृथ्वी, एकसमान घनत्व वाला एक ठोस गोला है, एवं इसके व्यास के अनुदिश पृथ्वी के आर-पार एक सुरंग खोदी जाती है । यह पाया जाता है कि जब कोई कण इस सुरंग में छोड़ा जाता है तो वह सरलआवर्त गति करता है । यदि कण का द्रव्यमान $$100 \mathrm{~g}$$ है तो कण की गति का आवर्तकाल लगभग होगाः
(यदि $$g=10 \mathrm{~m} \mathrm{~s}^{-2}$$, पृथ्वी की त्रिज्या $$=6400 \mathrm{~km}$$.)
एक $$8 \mathrm{~kg}$$ द्रव्यमान की एक वस्तु, $$1 \mathrm{~m}$$ लंबी एवं $$2 \mathrm{~kg}$$ द्रव्यमान वाली किसी एकसमान छड़ $$\mathrm{CD}$$ के एक सिरे से लटक रही है, जो कि अपने दूसरे सिरे $$\mathrm{C}$$ पर एक उर्ध्वाधर दीवार के सहारे धुरी पर चित्र में दर्शाये अनुसार लगी हुई है। इसे एक केबिल (तार) $$A B$$ से इस तरह सहारा दिया हुआ है कि निकाय साम्यावस्था में है । केबिल में तनाव है :
(यदि गुरुत्वीय त्वरण $$g=10 \mathrm{~m} / \mathrm{s}^{2}$$ )
एक वृत्ताकार डिस्क (तश्तरी) का एक अक्ष $$(\mathrm{CM})$$ के परितः जड़त्वाघूर्ण $$\mathrm{I}_{\mathrm{CM}}$$ है, यह अक्ष डिस्क के केन्द्र से गुजरता है, एवं डिस्क के तल के लम्बवत् है । $$\mathrm{I}_{\mathrm{AB}}$$ एक अक्ष $$\mathrm{AB}$$ के परितः इस डिस्क का जड़त्वाघूर्ण है, यह अक्ष $$\mathrm{AB}$$, डिस्क के तल के लम्बवत् है, अक्ष $$\mathrm{CM}$$ के समानान्तर है एवं केन्द्र से $$\frac{2}{3} \mathrm{R}$$ की दूरी पर है, जहाँ $$\mathrm{R}$$ डिस्क की त्रिज्या है। $$\mathrm{I}_{\mathrm{AB}}$$ एवं $$\mathrm{I}_{\mathrm{CM}}$$ का अनुपात $$x: 9$$ है। $$x$$ का मान ____________ है
'$$m$$' द्रव्यमान का एक गुट्का प्रारम्भ में स्थिर अवस्था में एक चिकने क्षैतिज तल पर रखा है. यह $$F=2N$$ के एक आरोपित बल की वजहैं से चलना प्रारम्भ करता है । इसके रेखीय गति के प्रक्रम में, बल की दिशा एवं क्षेतिज के बीच का कोण ( $$\theta$$ (चित्र में दर्शाये अनुसार), $$\theta=k x$$ के अनुसार परिवर्तित होता है, जहा $$k$$ एक स्थिरांक है एवं $$x$$ गुटके द्वारा चली गई इसकी प्रारम्भिक स्थिति से दूरी है । गुटके की गतिज ऊर्जा का व्यंजक $$E=\frac{n}{k} \sin \theta$$ होगा | n का मान है ____________.
चित्र में दर्शाये अनुसार, किसी तार की प्रत्यास्थता का यंग गुणांक ज्ञात करने के एक प्रयोग में, प्रसार बनाम लोड (भार) का वर्क आरेखित किया गया है। वर्क एक सरल रेखाँ है, जो कि मूल बिन्दु से गुजर रही है एवं लोड-अक्ष से $$45^{\circ}$$ का कोण बना रही है । तार की लेम्बाई $$62.8 \mathrm{~cm}$$ एवं इसका व्यास $$4 \mathrm{~mm}$$ हैं। प्रत्यास्थता का यंग गुणांक $$x \times 10^{-4} \mathrm{Nm}^{-2}$$ पाया जाता है। $$x$$ का मान है ______________.
$$62.5 ~\mathrm{nF}$$ धारिता एवं $$50 ~\Omega$$ प्रतिरोधकता वाले एक श्रेणीबद्ध $$\mathrm{LCR}$$ परिपथ को $$2.0 ~\mathrm{kHz}$$. आवृत्ति वाले एक a.c. (प्रत्यावर्ती धारा) स्रोत से जोड़ा जाता है । परिपथ में धारा के आयाम के अधिकतम मान के लिए, प्रेरकत्व का मान _____________ $$\mathrm{mH}$$ है।
(यदि $$\pi^{2}=10$$ )
चित्र में दर्शाये अनुसार, दो आवेशित समानान्तर पट्टियों के बीच $$10 \mathrm{~N} / \mathrm{c}$$ का कोई एकसमान विद्युत क्षेत्र उत्पत्न होता है । पट्टियों के बीच के क्षेत्र में, एक इलेक्ट्रॉन $$0.5 ~\mathrm{eV}$$ गतिज ऊर्जा के साथ प्रवेश करता है । प्रत्येक पट्टी की लम्बाई $$10 \mathrm{~cm}$$ है। इलेक्ट्रॉन जैसे ही क्षेत्र के बाहर आता है, तो इसके पथ में हुआ विक्षेप कोण $$(\theta)$$ ___________°(डिग्री) है।