नीचे दिए अभिक्रिया के लिए
$$2 \mathbf{X}+\mathbf{Y} \stackrel{k}{\rightarrow} \mathbf{P}$$
अभिक्रिया वेग $$\frac{d[\mathbf{P}]}{d t}=k[\mathbf{X}]$$ है $$\mid \mathbf{X}$$ के दो मोलों को $$\mathbf{Y}$$ के एक मोल के साथ मिला कर $$1.0 \mathrm{~L}$$ विलयन बनाया गया| $$50 \mathrm{~s}$$ पर, अभिक्रिया मिश्रण में $$\mathbf{Y}$$ का $$0.5$$ मोल बचा। अभिक्रिया के लिए सही कथन है(हैं)
(उपयोग करें: $$\ln 2=0.693$$ )
नीचे $$298 \mathrm{~K}$$ पर कुछ मानक इलैक्ट्रोड विभव (standard electrode potentials) दिये गये हैं :
$$\begin{array}{ll}\mathrm{Pb}^{2+} / \mathrm{Pb} & -0.13 \mathrm{~V} \\ \mathrm{Ni}^{2+} / \mathrm{Ni} & -0.24 \mathrm{~V} \\ \mathrm{Cd}^{2+} / \mathrm{Cd} & -0.40 \mathrm{~V} \\ \mathrm{Fe}^{2+} / \mathrm{Fe} & -0.44 \mathrm{~V}\end{array}$$
$$0.001 ~\mathrm{M} ~\mathrm{X}^{2+}$$ और $$0.1 ~\mathrm{M} ~\mathrm{Y}^{2+}$$ वाले एक विलयन में धातु रॉड $$\mathbf{X}$$ और $$\mathbf{Y}$$ को डुबाया गया (298 K पर) और चालक तार द्वारा जोड़ा गया। इस कारण $$\mathbf{X}$$ घुलने लगा | $$\mathbf{X}$$ और $$\mathbf{Y}$$ का सही संयोजन, क्रमशः, है(हैं)
(दिया गया: गैस स्थिरांक, $$\mathrm{R}=8.314 \mathrm{~J} \mathrm{~K}^{-1} \mathrm{~mol}^{-1}$$, फैराडे (Faraday) स्थिरांक, $$F=96500 ~\mathrm{C} ~\mathrm{mol}^{-1}$$ )
एक दुर्बल एकक्षारीय अम्ल (monobasic acid) की सीमान्त मोलर चालकता (limiting molar conductivity) $$298 \mathrm{~K}$$ पर $$4 \times 10^{2} \mathrm{~S} \mathrm{~cm}^{2} \mathrm{~mol}^{-1}$$ है | $$298 \mathrm{~K}$$ पर, इस अम्ल के जलीय विलयन के वियोजन की मात्रा $$\alpha$$ है तथा मोलर चालकता (molar conductivity) $$\mathbf{y} \times 10^{2} \mathrm{~S} \mathrm{~cm}^{2} \mathrm{~mol}^{-1}$$ है | $$298 \mathrm{~K}$$ पर, पानी से $$20$$ गुना तनुकरण पर विलयन की मोलर चालकता (molar conductivity) $$3 \mathbf{y} \times 10^{2} \mathrm{~S} \mathrm{~cm}^{2} \mathrm{~mol}^{-1}$$ होती है।
$$\alpha$$ का मान __________ है।
एक दुर्बल एकक्षारीय अम्ल (monobasic acid) की सीमान्त मोलर चालकता (limiting molar conductivity) $$298 \mathrm{~K}$$ पर $$4 \times 10^{2} \mathrm{~S} \mathrm{~cm}^{2} \mathrm{~mol}^{-1}$$ है | $$298 \mathrm{~K}$$ पर, इस अम्ल के जलीय विलयन के वियोजन की मात्रा $$\alpha$$ है तथा मोलर चालकता (molar conductivity) $$\mathbf{y} \times 10^{2} \mathrm{~S} \mathrm{~cm}^{2} \mathrm{~mol}^{-1}$$ है | $$298 \mathrm{~K}$$ पर, पानी से $$20$$ गुना तनुकरण पर विलयन की मोलर चालकता (molar conductivity) $$3 \mathbf{y} \times 10^{2} \mathrm{~S} \mathrm{~cm}^{2} \mathrm{~mol}^{-1}$$ होती है।
$$y$$ का मान __________ है।
$$\mathbf{x} ~\mathrm{g} ~\mathrm{Sn}$$ की $$\mathrm{HCl}$$ के साथ अभिक्रिया, मात्रात्मक्तः (quantitatively) एक लवण बनाती है । $$\mathrm{HCl}$$ के जरूरी मात्रा के उपस्थिति में इस लवण की पूरी मात्रा, $$\mathbf{y} \mathrm{g}$$ नाईट्रेबेंजीन (nitrobenzene) के साथ अभिक्रिया होने पर $$1.29 \mathrm{~g}$$ कार्बनिक लवण बनता है (मात्रात्मक्तः) ।
(उपयोग करें: $$\mathrm{H}, \mathrm{C}, \mathrm{N}, \mathrm{O}, \mathrm{Cl}$$ और $$\mathrm{Sn}$$ के मोलर द्रव्यमानों का मान ( $$\mathrm{g} ~\mathrm{mol}^{-1}$$ में) यथाक्रम $$1,12,14,16,35$$ और $$119$$).
$$\mathbf{x}$$ का मान ____________ है।
$$\mathbf{x} ~\mathrm{g} ~\mathrm{Sn}$$ की $$\mathrm{HCl}$$ के साथ अभिक्रिया, मात्रात्मक्तः (quantitatively) एक लवण बनाती है । $$\mathrm{HCl}$$ के जरूरी मात्रा के उपस्थिति में इस लवण की पूरी मात्रा, $$\mathbf{y} \mathrm{g}$$ नाईट्रेबेंजीन (nitrobenzene) के साथ अभिक्रिया होने पर $$1.29 \mathrm{~g}$$ कार्बनिक लवण बनता है (मात्रात्मक्तः) ।
(उपयोग करें: $$\mathrm{H}, \mathrm{C}, \mathrm{N}, \mathrm{O}, \mathrm{Cl}$$ और $$\mathrm{Sn}$$ के मोलर द्रव्यमानों का मान ( $$\mathrm{g} ~\mathrm{mol}^{-1}$$ में) यथाक्रम $$1,12,14,16,35$$ और $$119$$).
$$\mathbf{y}$$ का मान ____________ है।
एक प्रतिदर्श $$(5.6 \mathrm{~g})$$, जिसमे लोहा है, ठन्डे तनु $$\mathrm{HCl}$$ में पूर्णतः घोलकर $$250 \mathrm{~mL}$$ का एक विलयन बनता है। इस विलयन के $$25.0 \mathrm{~mL}$$ के अनुमापन में अन्त्यबिंदु को पहुचने के लिए $$0.03 ~\mathrm{M} ~\mathrm{KMnO}_{4}$$ विलयन का $$12.5 \mathrm{~mL}$$ लगता है | $$250 \mathrm{~mL}$$ विलयन में $$\mathrm{Fe}^{2+}$$ के मोलों की संख्या $$\mathbf{x} \times 10^{-2}$$ है $$\left(\mathrm{FeCl}_{2}\right.$$ का पूर्ण घोलना मानिये)। प्रतिदर्श में मौजूद लोहे की मात्रा वजन के अनुसार (by weight) $$\mathbf{y} \%$$ है।
(मान लें: विलयन में $$\mathrm{KMnO}_{4}$$ केवल $$\mathrm{Fe}^{2+}$$ के साथ ही अभिक्रिया करता है। उपयोग करें: लोहा का मोलर द्रव्यमान $$56 \mathrm{~g} \mathrm{~mol}^{-1}$$ )
$$\mathbf{x}$$ का मान __________ है।
एक प्रतिदर्श $$(5.6 \mathrm{~g})$$, जिसमे लोहा है, ठन्डे तनु $$\mathrm{HCl}$$ में पूर्णतः घोलकर $$250 \mathrm{~mL}$$ का एक विलयन बनता है। इस विलयन के $$25.0 \mathrm{~mL}$$ के अनुमापन में अन्त्यबिंदु को पहुचने के लिए $$0.03 ~\mathrm{M} ~\mathrm{KMnO}_{4}$$ विलयन का $$12.5 \mathrm{~mL}$$ लगता है | $$250 \mathrm{~mL}$$ विलयन में $$\mathrm{Fe}^{2+}$$ के मोलों की संख्या $$\mathbf{x} \times 10^{-2}$$ है $$\left(\mathrm{FeCl}_{2}\right.$$ का पूर्ण घोलना मानिये)। प्रतिदर्श में मौजूद लोहे की मात्रा वजन के अनुसार (by weight) $$\mathbf{y} \%$$ है।
(मान लें: विलयन में $$\mathrm{KMnO}_{4}$$ केवल $$\mathrm{Fe}^{2+}$$ के साथ ही अभिक्रिया करता है। उपयोग करें: लोहा का मोलर द्रव्यमान $$56 \mathrm{~g} \mathrm{~mol}^{-1}$$ )
$$\mathbf{y}$$ का मान __________ है।
स्तम्भ (Column) $$\mathbf{J}$$ में $$\mathbf{C}-\mathbf{H}$$ आबंधों (shown in bold) का स्तम्भ (Column) $$\mathbf{K}$$ में दिए उनके BDE के साथ सही मेल है
स्तम्भ J अणु |
स्तम्भ K $$\mathrm{BDE}\left(\mathrm{kcal} ~\mathrm{mol}^{-1}\right)$$ |
||
---|---|---|---|
(P) | $$\mathbf{H}-\mathbf{C H}\left(\mathrm{CH}_{3}\right)$$ | (i) | 132 |
(Q) | $$\mathbf{H}-\mathbf{C H}_{2} \mathrm{Ph}$$ | (ii) | 110 |
(R) | $$\mathbf{H}-\mathbf{C H}=\mathrm{CH}_{2}$$ | (iii) | 95 |
(S) | $$\mathbf{H}-\mathbf{C} \equiv \mathrm{CH}$$ | (iv) | 88 |
निम्न लिखित अभिक्रिया,
$$ \mathrm{CH}_{4}(\mathrm{g})+\mathrm{Cl}_{2}(\mathrm{g}) \stackrel{\text { light }}{\longrightarrow} \mathrm{CH}_{3} \mathrm{Cl}(\mathrm{g})+\mathrm{HCl}(\mathrm{g})$$, (light मतलब प्रकाश है)
के लिए सही कथन है
जैसा की नीचे दर्शाया गया है, आदर्श गैस का एक मोल, $$900 \mathrm{~K}$$ से, दो उत्क्रमणिय प्रक्रमों (reversible processes), I के बाद II, से हो कर गुजरता है | यदि गैस के द्वारा दोनों प्रक्रमों में किया गया कार्य बराबर है, तो $$\ln \frac{V_{3}}{V_{2}}$$ का मान ___________ है।
( $$U$$ : आंतरिक ऊर्जा (internal energy), $$S$$ : एंट्रॉपी (entropy), $$p$$ : दाब (pressure), $$V$$ : आयतन (volume), $$R$$ : गैस नियतांक (gas constant) )
( दिया गया: स्थिर आयतन पर गैस के मोलीय ऊष्माधारिता (molar heat capacity at constant volume), $$C_{V, m}$$ का मान $$\frac{5}{2} R$$ है )
मान लें की एक हीलियम ($$\mathrm{He}$$) परमाणु $$330 \mathrm{~nm}$$ तरंगदैर्घ्य (wavelength) वाले एक फ़ोटॉन को अवशोषित करता है | उस फ़ोटॉन के अवशोषण के बाद $$\mathrm{He}$$ परमाणु के वेग में बदलाव __________ $$\mathrm{cm} ~\mathrm{s}^{-1}$$ है |
(मान लें की जब फ़ोटॉन (photon) अवशोषित होता है, तब संवेग (momentum) संरक्षित रहता है । उपयोग करे: प्लांक नियतांक (Planck constant) $$=6.6 \times 10^{-34} \mathrm{~J} \mathrm{~s}$$, अवोगाद्रो संख्या (Avogadro number) $$=6 \times 10^{23} \mathrm{~mol}^{-1}, \mathrm{He}$$ का मोलर द्रव्यमान $$=4 \mathrm{~g} \mathrm{~mol}^{-1}$$ )