D-एरिथ्रोज़ (D-Erythrose) का फिशर प्रक्षेप (Fischer projection) नीचे दिखाया गया है।
D-एरिथ्रोज़ तथा इसके समावयवियों (isomers) $$\mathbf{P}, \mathbf{Q}, \mathbf{R}$$, तथा $$\mathbf{S}$$ की सूची स्तम्भ-I (Column-I) में दी गई है | $$\mathbf{P}, \mathbf{Q}, \mathbf{R}$$, तथा $$\mathbf{S}$$ का स्तम्भ-II (Column-II) में D-एरिथ्रोज़ के साथ सही सम्बन्ध चुनें। (Diastereomer अप्रतिबिंबी त्रिविम समावयव, Identical - समरूप, Enantiomer - प्रतिबिंबरूप)
उष्मागतिकी में, $$P-V$$ कार्य को निम्नलिखित समीकरण से बताया जाता है,
$$w=-\int d V P_{\mathrm{ext}}$$.
जब एक निकाय एक विशिष्ट प्रक्रम से गुजरता है, तब किया गया कार्य निम्नलिखित समीकरण से प्रदर्शित किया जाता है,
$$w=-\int d V\left(\frac{R T}{V-b}-\frac{a}{V^{2}}\right)$$.
यह समीकरण लागू होता है, जब
एक शंकाकार फ्लास्क में $$0.10 ~\mathrm{M}$$ ऑक्सेलिक अम्ल (oxalic acid) के $$5.00 \mathrm{~mL}$$ विलयन का फीनॉलफ्थेलीन (phenolphthalein) सूचक का उपयोग करके ब्यूरेट द्वारा $$\mathrm{NaOH}$$ से अनुमापन किया गया। ऐसे पाँच परीक्षणों में स्थायी हल्का गुलाबी रंग प्राप्त होने तक $$\mathrm{NaOH}$$ के आवश्यक आयतन की मात्रा को सारणी में दिया गया है। $$\mathrm{NaOH}$$ के विलयन की सांद्रता, मोलरता में, क्या है ? (सारणी में Exp. No.: परीक्षण संख्या, तथा Vol. of $$\mathrm{NaOH} : \mathrm{NaOH}$$ का आयतन है)
Exp. No. | Vol. of NaOH (mL) |
---|---|
1 | 12.5 |
2 | 10.5 |
3 | 9.0 |
4 | 9.0 |
5 | 9.0 |
ताप $$1000 \mathrm{~K}$$ पर अभिक्रिया
$$\mathbf{A} \rightleftharpoons \mathbf{B}$$
पर ध्यान दें। एक समय $$t'$$ पर निकाय का ताप बढ़ाकर $$2000 \mathrm{~K}$$ किया गया और निकाय को साम्यावस्था में पहुँचने दिया गया। इस प्रयोग के दौरान $$\mathrm{A}$$ के आंशिक दाब (partial pressure) को $$1 ~\mathrm{bar}$$ पर स्थिर रखा गया। $$\mathbf{B}$$ के आंशिक दाब का समय के साथ आरेख नीचे दिखाया गया है। ताप $$1000 \mathrm{~K}$$ तथा $$2000 \mathrm{~K}$$ पर मानक गिब्ज़ ऊर्जाओं (standard Gibbs energy) का अनुपात क्या है ? (आरेख में Partial Pressure of $$\mathbf{B: B}$$ का आंशिक दाब, तथा time: समय है)
मानक परिस्थितियों (1 bar तथा $$298 \mathrm{~K}$$ ) पर, हाइड्रोजन और ऑक्सीजन के संयोग से बने एक ईंधन सेल (fuel cell), जिसकी दक्षता $$70 \%$$ है, पर ध्यान दें। इसकी सेल अभिक्रिया है,
$$\mathrm{H}_{2}(g)+\frac{1}{2} \mathrm{O}_{2}(g) \rightarrow \mathrm{H}_{2} \mathrm{O}(l)$$
$$\mathrm{H}_{2}(\mathrm{~g})$$ के $$1.0 \times 10^{-3} \mathrm{~mol}$$ के उपभोग से इस सेल से उत्पन्न कार्य को एकपरमाण्विक (monoatomic) आदर्श गैस के 1.00 मोल को एक उष्मारोधी पात्र में संपीडित करने के लिए उपयोग किया गया। इस परिस्थिति में आदर्श गैस के तापमान ( $$\mathrm{K}$$ में) में कितना परिवर्तन होगा ?
इस सेल के अर्ध-सेलों के मानक अपचयन विभवों (standard reduction potentials) के मान निम्नलिखित हैं,
$$\begin{gathered}\mathrm{O}_{2}(g)+4 \mathrm{H}^{+}(a q)+4 e^{-} \rightarrow 2 \mathrm{H}_{2} \mathrm{O}(l), \quad E^{0}=1.23 \mathrm{~V}, \\2 \mathrm{H}^{+}(a q)+2 e^{-} \rightarrow \mathrm{H}_{2}(g), \quad E^{0}=0.00 \mathrm{~V} .\end{gathered}$$
उपयोग करें: $$F=96500 ~\mathrm{C} ~\mathrm{mol}^{-1}, R=8.314 \mathrm{~J} \mathrm{~mol}^{-1} \mathrm{~K}^{-1}$$.
ऐलुमिनियम, सल्फ्यूरिक अम्ल के साथ अभिक्रिया करके ऐलुमिनियम सल्फेट तथा हाइड्रोजन बनाता है। ताप $$300 \mathrm{~K}$$ तथा दाब $$1.0 \mathrm{~atm}$$ पर $$5.4 \mathrm{~g}$$ ऐलुमिनियम को $$50.0 \mathrm{~mL} ~5.0 \mathrm{M}$$ सल्फ्यूरिक अम्ल के साथ अभिक्रिया करवाने पर उत्पन्न हुई हाइड्रोजन गैस का आयतन लीटर $$(\mathrm{L})$$ में क्या होगा ?
(उपयोग करें: ऐलुमिनियम का मोलर द्रव्यमान $$=27.0 \mathrm{~g} \mathrm{~mol}^{-1}, R=0.082 \mathrm{~atm} \mathrm{~L} \mathrm{~mol}^{-1} \mathrm{~K}^{-1}$$ )