एक समतल ध्रुवित प्रकाश किसी एक ध्रुवक जिसका पारित-अक्ष $$x$$-अक्ष से $$\theta$$ कोण बनाता है, पर आपतित होता है, जैसा चित्र में दिखाया गया है। कोण $$\theta$$ के चार विभित्र मानों, $$\theta=8^{\circ}, 38^{\circ}, 188^{\circ}$$ तथा $$218^{\circ}$$ पर तीव्रतायें बराबर पायी जाती हैं। ध्रुवण दिशा तथा $$x$$-अक्ष के बीच का कोण होगा :
क्षैतिज से $$\theta$$ कोण पर स्थित दो चिकनी समानांतर छड़ों, जिनके बीच की दूरी $$\mathrm{l}$$ है, के ऊपर $$\mathrm{m}$$ द्रव्यमान की ताँबे की एक छड़ गुरुत्व के अंतर्गत फिसलती है। छड़ों के निचले सिरों को एक प्रतिरोध $$\mathrm{R}$$ द्वारा जोड़ा गया है। समानांतर छड़ों के समतल के लम्बवत दिशा में एक एकसमान चुम्बकीय क्षेत्र $$\mathrm{B}$$ है जैसा कि चित्र में दर्शाया गया है। तांबे के छड़ की सीमान्त चाल होगी :
एक संधारित्र $$\mathrm{C}_{1}=1.0 \mu \mathrm{F}$$ को एक स्विच (1) द्वारा बैटरी $$\mathrm{B}$$ से जोड़ कर $$\mathrm{V}=60 \mathrm{~V}$$ विभव तक आवेशित किया जाता है। अब $$\mathrm{C}_{1}$$ को बैटरी से वियोजित कर दिया जाता है तथा स्विच (2) के द्वारा दो अनावेशित संधारित्रों $$\mathrm{C}_{2}=3.0 \mu \mathrm{F}$$ तथा $$\mathrm{C}_{3}=6.0 \mu \mathrm{F}$$ के साथ एक परिपथ में जोड़ दिया जाता है जैसा कि चित्र में दर्शाया गया है। $$\mathrm{C}_{2}$$ तथा $$\mathrm{C}_{3}$$ पर अंतिम आवेशों का योग होगा :
चित्रानुसार, $$10 \mathrm{~cm}$$ भुजा वाले एक घन के ऊपर और नीचे वाले फलक पर $$10^{5} \mathrm{~N}$$ के बराबर बलों को विपरीत दिशा में लगाया जाता है जिससे ऊपरी फलक अपने समान्तर $$0.5 \mathrm{~cm}$$ से विस्थापित हो जाती है। यदि समान पदार्थ के दूसरे $$20 \mathrm{~cm}$$ भुजा वाले घन को बताये गये अवस्था में रखा जाये तो विस्थापन का मान होगा :
एक पतली छड़ $$\mathrm{MN}$$, जो कि ऊर्ध्वाधर समतल में स्थिर सिरे $$\mathrm{N}$$ के सापेक्ष घूमने के लिए स्वतंत्र है, को क्षैतिज स्थिति में रोका गया है। जब सिरे $$\mathrm{M}$$ को छोड़ा जाता है तो इस सिरे की चाल, जब छड़ क्षैतिज से $$\alpha$$ कोण बनाती है, समानुपाती होगी : (चित्र देखें)
$$\mathrm{L}$$ लम्बाई तथा $$8 \mathrm{~m}$$ द्रव्यमान का एक एकसमान पतली छड़ एक चिकने क्षैतिज मेज पर रखा है। दो बिन्दु द्रव्यमान $$\mathrm{m}$$ तथा $$2 \mathrm{~m}$$ उसी क्षैतिज समतल में छड़ के विपरीत तरफ से क्रमशः $$2 v$$ तथा $$v$$ चाल से आते हैं। दोनों द्रव्यमान संघट्ट के बाद छड़ के केन्द्र से क्रमशः $$\frac{\mathrm{L}}{3}$$ तथा $$\frac{\mathrm{L}}{6}$$ दूरी पर चिपक जाते हैं। संघट्ट के फलस्वरूप यदि छड़ अपने द्रव्यमान केंद्र के सापेक्ष घूमना शुरू कर देती है तो छड़ की कोणीय चाल होगी :
एक आदमी कार में स्थान $$\mathrm{Q}$$ से एक सीधी सड़क पर गति $$v$$ से जा रहा है। वह खेत के एक बिन्दु $$\mathrm{P}$$ पर, जो दिखाये गये चित्रानुसार सड़क से $$\mathrm{d}$$ दूरी पर है (बिंदु $$\mathrm{M}$$ ), पहुँचने का निश्चय करता है। कार की चाल खेत में, सड़क की चाल की आधी है। वह दूरी $$\mathrm{RM}$$ क्या होगी जिससे कि $$\mathrm{P}$$ तक पहुँचने का समय न्यूनतम है ?
क्षेत्रफल $$200 \mathrm{~cm}^{2}$$ तथा प्लेटों के बीच की दूरी $$1.5 \mathrm{~cm}$$, वाले एक समान्तर प्लेट संधारित्र को विद्युत वाहक बल $$\mathrm{V}$$ वाली एक बैटरी से जोड़ा गया है। यदि प्लेटों के बीच आकर्षण बल $$25 \times 10^{-6} \mathrm{~N}$$ हो तो, $$\mathrm{V}$$ का लगभग मान होगा :
$$ \left(\epsilon_{\mathrm{o}}=8.85 \times 10^{-12} \frac{\mathrm{C}^{2}}{\mathrm{~N}^{2} \mathrm{~m}^{2}}\right) $$
नीचे दर्शाई हुई दो सरल आवर्त गतियाँ एक दूसरे के लम्बवत हैं। उनको संयुक्त करके लिसाजुस $$\mathrm{(Lissajous)}$$ चित्र बनाते हैं।
$$x(\mathrm{t})=\mathrm{A} \sin (\mathrm{at}+\delta)$$
$$y(\mathrm{t})=\mathrm{B} \sin (\mathrm{bt})$$
निम्न में से सही मेल की पहचान कीजिये।
राशियाँ | वक्र |
---|---|
$$\mathrm{A} \neq \mathrm{B}, \mathrm{a}=\mathrm{b} ; \delta=\pi / 2$$ | दीर्घवृत्त |
म्यूऑन $$\mathrm{Muon}$$ $$\left(\mu^{-}\right)$$ एक ॠणात्मक आवेशित $$(|\mathrm{q}|=|\mathrm{e}|)$$ कण है जिसका द्रव्यमान $$\mathrm{m}_{\mu}=200 \mathrm{~m}_{\mathrm{e}}$$ है जहाँ $$\mathrm{m}_{\mathrm{e}}$$ इलेक्ट्रॉन का द्रव्यमान तथा $$\mathrm{e}$$ इलेक्ट्रॉन का आवेश है। हाइड्रोजन जैसा परमाणु बनाने के लिए यदि म्यूऑन ऋणात्मक एक प्रोटॉन के साथ परिबद्ध होता है, तो सही कथन होंगें :
(A) म्यूऑन के कक्ष की त्रिज्या इलेक्ट्रॉन के कक्ष की त्रिज्या से $$200$$ गुना छोटी है।
(B) $$\mathrm{n}$$ वें कक्ष में $$\mu^{-}$$ की चाल, $$\mathrm{n}$$ वें कक्ष में इलेक्ट्रॉन की चाल की $$\frac{1}{200}$$ गुना होगी।
(C) म्यूऑनिक परमाणु की आयनन ऊर्जा, हाइड्रोजन परमाणु के आयनन ऊर्जा से $$200$$ गुना ज्यादा है।
(D) $$\mathrm{n}$$ वें कक्ष में म्यूऑन का संवेग, $$\mathrm{n}$$ वें कक्ष में इलेक्ट्रॉन के संवेग से $$200$$ गुना ज्यादा है।