JEE Advance - Physics Hindi (2024 - Paper 2 Online - No. 4)
विद्युतरोधी परत चढ़े एक धातु के पतले एवं कड़े तार को मोड़कर एक वृत्ताकार वलय बनाया जाता है, जिसके दो सिरे वलय के ही एक बिंदु से उसकी स्पर्श रेखीय दिशा में सीधे निकले हैं। इस वलय का द्रव्यमान $m$ तथा त्रिज्या $r$ है तथा यह एक ऊर्ध्वाधर दिशा में ऊपर की ओर लगे एकसमान चुम्बकीय क्षेत्र $B_0$ में, चित्रानुसार, है| आरम्भ में यह तार दो दृढ चालक स्तंभों, $\mathrm{P}$ और $\mathrm{Q}$, पर गुरुत्वीय त्वरण $\mathrm{g}$ के कारण ऊर्ध्वाधर लटक रहा है| जब वलय में धारा $I$ प्रवाहित की जाती है तो वलय, रेखा $\mathrm{PQ}$ के परितः, निम्नप्रकार दिए कोण $\theta$ से घूम जाएगा

$\tan \theta=\pi r I B_0 /(m g)$
$\tan \theta=2 \pi r I B_0 /(m g)$
$\tan \theta=\pi r I B_0 /(2 m g)$
$\tan \theta=m g /\left(\pi r I B_0\right)$
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