JEE Advance - Physics Hindi (2024 - Paper 2 Online - No. 2)
द्रव्यमान $m$ का एक कण द्रव्यमान $M(\gg m)$ के एक पिंड के गुरुत्वाकर्षण क्षेत्र के प्रभाव में है। यह कण $r_0$ त्रिज्या की एक वृत्ताकार कक्षा में $M$ के परितः आवर्तकाल $T_0$ से परिक्रमण कर रहा है। अब कण पर एक अतिरिक्त केन्द्रीय बल, जिसके संगत स्थितिज ऊर्जा $V_c(r)=m \alpha / r^3$ है, लगाया जाता है, जहाँ $\alpha$ एक धनात्मक नियतांक है तथा $r$ उसी कक्षा के केंद्र से दूरी है। यदि कण अब उसी त्रिज्या $r_0$ की कक्षा में $M$ तथा $V_{\mathrm{c}}(r)$ के संयुक्त विभव के अंतर्गत एक नए आवर्तकाल $T_1$ से परिक्रमण करता है तो, $\left(T_1^2-T_0^2\right) / T_1^2$ का मान है,
[ $G$ गुरुत्वीय नियतांक है।]
$\frac{3 \alpha}{G M r_0^2}$
$\frac{\alpha}{2 G M r_0^2}$
$\frac{\alpha}{G M r_0^2}$
$\frac{2 \alpha}{G M r_0^2}$
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