नीचे दो कथन दिए गए हे:
कथन - I: चूंकि फ्लुओरीन, नाइट्रोजन से अधिक विद्युत-ऋणात्मक होती है, $$\mathrm{NF}_3$$ का नेट द्वि-्रुव आधूर्ण, $$\mathrm{NH}_3$$ के द्वि ध्रुव से अधिक होता है।
कथन - II: $$\mathrm{NH}_3$$ में, एकाकी युग्म के कारण कक्षीय द्वि-ध्रुव और $$\mathrm{NH}$$ आबंधों का द्वि-ध्रुव आधूर्ण विपरीत दिशा में होते हैं, परंतु $$\mathrm{NF}_3$$ में एकाकी युगल का कक्षीय द्वि-्रुव और N-F आबंधों के द्वि-ध्रुव आधूर्ण समान दिशा में होते है।
ऊपर दिए गए कथनों के संदर्भ में, नीचे दिए विकल्पों में से सही उत्तर चुनिए।
निम्नलिखित अभिक्रियाओं में बने $$A$$ और $$B$$ हैं:
$$\begin{aligned} & \mathrm{CrO}_2 \mathrm{Cl}_2+4 \mathrm{NaOH} \rightarrow \mathrm{A}+2 \mathrm{NaCl}+2 \mathrm{H}_2 \mathrm{O} \\ & \mathrm{A}+2 \mathrm{HCl}+2 \mathrm{H}_2 \mathrm{O}_2 \rightarrow \mathrm{B}+3 \mathrm{H}_2 \mathrm{O} \end{aligned}$$
नीचे दो कथन दिए गए हैं:
कथन - I: मजबूत न्यूक्लियोफिलिक अभिकर्मक की उच्च सांद्रता के साथ माध्यमिक एल्काइल हैलाइड, जिनमें भारी प्रतिस्थापक नहीं होते, $$\mathrm{S}_{\mathrm{N}}{ }^2$$ तंत्र का पालन करेंगे।
कथन - II: जब माध्यमिक एल्काइल हैलाइड का उपचार बड़े अधिक मात्रा में एथेनॉल के साथ किया जाता है, तो यह $$\mathrm{S}_{\mathrm{N}}{ }^1$$ तंत्र का पालन करता है।
उपरोक्त कथनों के संदर्भ में, नीचे दिए गए विकल्पों में से सबसे उपयुक्त चुनें:
समूह 15 तत्वों के हाइड्राइडों के बारे में सही कथन चुनिए:
A. हाइड्राइडों का स्थायित्व निम्नलिखित क्रम में घटता हैः $$\mathrm{NH}_3>\mathrm{PH}_3>\mathrm{AsH}_3>\mathrm{SbH}_3 >\mathrm{BiH}_3$$.
B. हाइड्राइडों की अपचायक क्षमता निम्नलिखित क्रम में बढ़ती हैः $$\mathrm{NH}_3<\mathrm{PH}_3<\mathrm{AsH}_3<\mathrm{SbH}_3<\mathrm{BiH}_3$$.
C. हाइड्राइडों में, $$\mathrm{NH}_3$$ एक प्रबल अपचायक है जबकि $$\mathrm{BiH}_3$$ एक मृदु अपचायक है।
D. हाइड्राइडों की क्षमता निम्नलिखित क्रम में बढ़ती है: $$\mathrm{NH}_3<\mathrm{PH}_3<\mathrm{AsH}_3<\mathrm{SbH}_3< \mathrm{BiH}_3$$.
नीचे दिए गए विकल्पों से सही उत्तर चुनिए:
नीचे दो कथन दिए गए हे। एक को अभिकथन $$A$$ और दूसरे को कारण $$R$$ द्वारा दर्शाया गया हे:
अभिकथन $$\mathrm{A}: \mathrm{H}_2 \mathrm{Te}, \mathrm{H}_2 \mathrm{S}$$ से अधिक अम्लीय है।
कारण $$\mathrm{R}:\mathrm{H}_2 \mathrm{Te}$$ की आबंध वियोजन एन्थैल्पी $$\mathrm{H}_2 \mathrm{S}$$ से कम है।
उपर दिए गए कथनों के संदर्भ में निम्नलिखित विकल्पों में से सही उत्तर चुनिए:
आयनों के अपचयन विभव नीचे दिए गए हैं:
$$\begin{array}{ccc} \mathrm{ClO}_4^{-} & \mathrm{IO}_4^{-} & \mathrm{BrO}_4^{-} \\ \mathrm{E}^{\circ}=1.19 \mathrm{~V} & \mathrm{E}^{\circ}=1.65 \mathrm{~V} & \mathrm{E}^{\circ}=1.74 \mathrm{~V} \end{array}$$
उनकी उपचायक क्षमताओं का सही क्रम है:
नीचे दो कथन दिए गए हैं:
कथन - I: किसी आवर्त में, तत्वों की रासायनिक अभिक्रियाशीलता धीरे-धीरे समूह 1 से समूह 18 में बढ़ती है।
कथन - II: समूह 1 तत्वों से बने ऑक्साइडों की प्रकृति क्षारीय होती है जबकि समूह 17 तत्वों के ऑक्साइडों की प्रकृति अम्लीय होती है।
ऊपर दिए गए कथनों के संदर्भ में, नीचे दिए विकल्पों में से सही उत्तर चुनिए। कथन I और कथन II दोनों सत्य है।
न्यूक्लीक अम्लों के संदर्भ में, सही कथनों की कुल संख्या _________ है।
A. RNA को आनुवांशिक सूचनाओं के संग्राहक की तरह जाना जाता है।
B. कोशिका विभाजन के दोरान DNA अणु का स्वप्रतिकरण होता है।
C. DNA कोशिका में प्रोटीन संश्लेषण करता है।
D. किसी विशेष प्रोटीन के संश्लेषण का संदेश DNA में उपस्थित होता है।
1. पुत्री कोशिका को समान DNA रज्जुक स्थानांतरित होते हैं।
निम्नलिखित अभिक्रिया के अनुसार, $$\mathrm{CCl}_4$$ में $$\mathrm{N}_2 \mathrm{O}_5$$ के विघटन से किसी अभिक्रिया के लिए आवश्यक $$\mathrm{NO}_2$$ को प्राप्त किया जाता है:
$$2 \mathrm{~N}_2 \mathrm{O}_{5(\mathrm{~g})} \rightarrow 4 \mathrm{NO}_{2(\mathrm{~g})}+\mathrm{O}_{2(\mathrm{~g})}$$
$$\mathrm{N}_2 \mathrm{O}_5$$ को आरंभिक सांद्रता $$3 \mathrm{~mol} \mathrm{~L}^{-1}$$ है और 30 मिनट के बाद $$2.75 \mathrm{~mol} \mathrm{~L}^{-1}$$ है। $$\mathrm{NO}_2$$ के बनने (संभवन) का वेग $$\mathrm{x} \times 10^{-3} \mathrm{~mol} \mathrm{~L}^{-1} \mathrm{~min}^{-1}$$ है। $$\mathrm{x}$$ का मान _________ है। (निकटतम पूर्णांक)
निम्नलिखित में से प्रकाशिक समावयवता दर्शाने वाले संकुलों की संख्या ________ हे।
सिस - $$\left[\mathrm{Cr}(\mathrm{ox})_2 \mathrm{Cl}_2\right]^{3-},\left[\mathrm{Co}(\mathrm{en})_3\right]^{3+}$$, सिस - $$\left[\mathrm{Pt}(\mathrm{en})_2 \mathrm{Cl}_2\right]^{2+}$$, सिस - $$\left[\mathrm{Co}(\mathrm{en})_2 \mathrm{Cl}_2\right]^{+}$$, ट्रांस - $$\left[\mathrm{Pt}(\mathrm{en})_2 \mathrm{Cl}_2\right]^{2+}$$, ट्रांस - $$\left[\mathrm{Cr}(\mathrm{ox})_2 \mathrm{Cl}_2\right]^{3-}$$
नीचे दो अभिक्रियाएँ दी गई हे:
$$\begin{aligned} & 2 \mathrm{Fe}_{(\mathrm{s})}+\frac{3}{2} \mathrm{O}_{2(\mathrm{~g})} \rightarrow \mathrm{Fe}_2 \mathrm{O}_{3(\mathrm{~s})}, \Delta \mathrm{H}^{\circ}=-822 \mathrm{~kJ} / \mathrm{mol} \\ & \mathrm{C}_{(\mathrm{s})}+\frac{1}{2} \mathrm{O}_{2(\mathrm{~g})} \rightarrow \mathrm{CO}_{(\mathrm{g})}, \Delta \mathrm{H}^{\circ}=-110 \mathrm{~kJ} / \mathrm{mol} \end{aligned}$$
तब निम्नलिखित अभिक्रिया के लिए $$3 \mathrm{C}_{(\mathrm{s})}+\mathrm{Fe}_2 \mathrm{O}_{3(\mathrm{~s})} \rightarrow 2 \mathrm{Fe}_{(\mathrm{s})}+3 \mathrm{CO}_{(\mathrm{g})}$$ एन्थैल्पी परिवर्तन _________ $$\mathrm{kJ} / \mathrm{mol}$$ होता है।