JEE MAIN - Chemistry Hindi (2023 - 25th January Evening Shift - No. 9)

नीचे दो कथन दिए गए है।

कथन I: द्विघ्रुव आघूर्ण एक सदिश राशि है जिसे परम्परा के अनुसार एक छोटे तीर द्वारा दर्शाया जाता है जिसका पुच्छल सिरा ऋरणात्मक केन्द्र एवं अग्र सिरा घनात्मक केन्द्र की तरफ उन्मुख होता है।

कथन II: द्विघ्रुव आघूर्ण का क्रॉस तीर अणु में आवेश के विचलन की दिशा को संकेत करता है।

उपर्युक्त कथनों के प्रकाश में, नीचे दिए गए विकल्पों में से सही उत्तर चुनें।

कथन I सही है परन्तु कथन II गलत है।
कथन I गलत है परन्तु कथन II सही हैं।
कथन I एवं कथन II दोनों सही हैं।
कथन I एवं कथन II दोनों गलत हैं।

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